Monday, 20 August 2018

जैसे हो वैसा है संसार

तुम साफ हो, तो साफ़ है संसार भी 
निश्चित हो, तो निश्चित है वह 
जैसा है अंतस, वैसा  है संसार 
निर्भर है तुम पर 
की कैसा है संसार

बदलोगे, तो बदलेगा 
जैसा देखते हो, दिखेगा 
मात्र वही है ,जो तुम हो 

जैसी करनी है , वो करता है वही 
जैसा बोलोगे ,वो भी  कहेगा 
जैसा सूंघना चाहते हो ,वैसी ही महक 
जैसा रस चाहोगे , वैसा ही 
वो तुम से है 
है तुम तक ही |

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