Tuesday, 28 August 2018

आँखें

ये मुझे कमजोर कर रहीं हैं 
ये कुछ आँखें हैं सपने लिए 
जो निहार रही हैं उन्हें 
हैं जो मीलों दूर 
कुछ उम्मीदें लिए |
ये सिर्फ़ मेरी नहीं हैं 

3 comments:

  1. सुंदर भाव दर्शाती रचना

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  2. आप सभी की प्रशंसा के लिए शुक्रिया कृप्या अपना यू आर एल कमेंट करें

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